लंदन में ग्लोबल टीचर प्राइज- 2020 की घोषणा
भारतीय प्राइमरी टीचर को 10 लाख डॉलर का ईनाम
हैदराबाद : शिक्षक लोगों को अच्छे-बुरे की पहचान कराता है। जिंदगी जीने के लिए जरूरी ज्ञान देता है। शिक्षकों (Teachers) का काम लोगों को शिक्षित करना होता है, लेकिन कई बार शिक्षक जिंदगी का ऐसा पाठ पढ़ा देते हैं, जो सभी के लिए मिसाल बन जाता है। ईनाम में लगभग 7 करोड़ जीतने वाले महाराष्ट्र (Maharashtra) के एक प्राइमरी टीचर ने भी कुछ ऐसा ही दिल छूने वाला काम किया है।
दरअसल महाराष्ट्र के सोलापुर जिला परिषद स्कूल के एक प्राइमरी टीचर को ग्लोबल टीचर प्राइज-2020 (Global Teacher Award) के लिए चुना गया है। रणजीत सिंह डिसले (Ranjit Sinh Disale) ने ईनाम के तौर पर 10 लाख डॉलर (करीब 7 करोड़ 38 लाख रुपये) की राशि जीती है। दुनियाभर के 50 टीचर्स को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।
एक्टर स्टीफन फ्राय ने की पुरस्कार की घोषणा
लंदन में गुरुवार तीन दिसंबर को वारके फाउंडेशन ने यूनेस्को के साथ पार्टनरशिप में इस पुरस्कार की घोषणा की। लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में संपन्न हुए समारोह में विजेता की घोषणा सुप्रसिद्ध फिल्म एक्टर स्टीफन फ्राय ने की। पुरस्कार जीतने वाले डिसले सोलापुर जिले के परितेवाडी जिला परिषद स्कूल में पढ़ाते हैं। 32 वर्षीय डिसले ने बताया, 'मैं बहुत खुश हूं। मैं पिछले साल ही इस पुरस्कार के मिलने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन ये इस साल मिला।'
दुनियाभर से चुने गए 10 कैंडिडेट
वारके फाउंडेशन ने 2014 में इस पुरस्कार की स्थापना की थी। ये पुरस्कार ऐसे असाधारण शिक्षक को दिया जाता है, जिन्होंने अपने शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो। डिसले को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
खास बात ये है कि पहली बार किसी भारतीय को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टीचर होने का सम्मान मिला है। लेकिन इससे भी ज्यादा खास बात है ईनाम मिलने के बाद टीचर डिसले की ओर से किया गया काम। टीचर का ये कदम जानकार किसी का भी दिल खुश हो जाएगा।
I'll share 50% of the prize money with fellow top 10 finalists to support their work. I'll use the rest for creation of a fund to support teachers who are doing good work: Ranjitsinh Disale, a school teacher in Solapur, Maharashtra who won $1-million Global Teacher Prize (03.12) pic.twitter.com/yStuhc2CeB
— ANI (@ANI) December 4, 2020
साथी फाइनलिस्ट को देंगे आधा हिस्सा
रणजीत सिंह डिसले को ईनाम के तहत 10 लाख डॉलर का पुरस्कार मिला है। डिसले अब इस राशि का आधा हिस्सा अपने साथी फाइनलिस्ट को देने का ऐलान किया हैं। उन्होंने कहा कि बाकी 50 प्रतिशत राशि का इस्तेमाल वे एक फंड बनाने के लिए करेंगे। जिसका उपयोग उन शिक्षकों की मदद के लिए होगा जो अच्छा काम कर रहे हैं। कोरोना के मद्देनजर ये समारोह वर्चुअल तौर पर आयोजित किया गया था।
रणजीत ने अपने इस ऐलान से सबसे बड़ा सबक दिया है। उन्होंने बता दिया है कि दान सबसे बड़ा धर्म है। शिक्षक हमेशा धर्म की राह पर ही चलना सिखाता है। उनके इस कदम ने शिक्षक शब्द के गौरव को और बढ़ा दिया है।
इस लिया मिला पुरस्कार
इस बार प्रतियोगिता में 140 देशों के 12 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने हिस्सा लिया था। जिनमें दुनियाभर से 10 प्रतिभागियों को चुना गया था। रणजीत सिंह को ये पुरस्कार लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और भारत में त्वरित-प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोडित पाठ्यपुस्तक क्रांति को गति देने के प्रयासों की वजह से मिला है।
पिछले 11 साल से पढ़ा रहे डिसले टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। तीसरी और चौथी क्लास के बच्चों को पढ़ाने वाले डिसले ने ग्लोबल पीस प्रोजेक्ट 'लेट्स क्रॉस द बॉर्डर' बनाया था, जिसके लिए उन्हें ये पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने कहा, ' शिक्षा के जरिए हम स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करते हैं कि सीमाओं से परे अपने साथियों के साथ संवाद करें।'
अवार्ड पाने वाले बाकी दो भारतीय शिक्षकों में दिल्ली की विनीत गर्ग और राजस्थान के शुवाजित पायने शामिल हैं।