मिट्टी क्यों है आवश्यक
विश्व मृदा दिवस का इतिहास
विश्व मृदा दिवस थीम
नई दिल्ली: लगातार हो रही जनसंख्या (Population) विस्तार ने दुनिया भर के लोगों को पर्यावरण (Environment) से दूर कर दिया है। खान-पान और रहन-सहन को लेकर लोगों में जागरुकता (Awareness) अनिवार्य है। इसी क्रम में हर साल 5 दिसंबर का दिन विश्व मृदा दिवस यानी World Soil Day के तौर पर मनाया जाता है।
मालूम हो कि विश्व मृदा दिवस जनसंख्या विस्तार की वजह से हो रहे मिट्टी से कटाव से जुड़ी समस्याओं को उजागर करता है। इस दिन लोगों को यह समझाने की कोशिश की जाती है कि लगातार बढ़ रहे मिट्टी के कटाव को अगर कम न किया गया तो वह दिन दूर नहीं, जब दुनिया भर में खाद्यान्न की पैदावार संबंधी समस्याओं से सभी को दो-चार होना पड़ जाएगा।
मिट्टी क्यों है आवश्यक
ऐसी समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि मिट्टी के कटाव को कम किया जाए। इस दिशा में काम करना आवश्यक है ताकि खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। बता दें कि मिट्टी का निर्माण विभिन्न अनुपातों में खनिज, कार्बनिक पदार्थ और वायु से होता है।
यह जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे पौधे का विकास होता है और यह कई कीड़ों और जीवों के लिए रहने की जगह है। यह भोजन, कपड़े, आश्रय और चिकित्सा सहित चार आवश्यक 'जीवित' कारकों का स्रोत है इसलिए, मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है। इस वजह से मिट्टी के नुकसान के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
विश्व मृदा दिवस का इतिहास
साल 2002 की बात है, जब अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने हर साल 5 दिसंबर के दिन विश्व मृदा दिवस के तौर पर मनाए जाने की सिफारिश की थी। खाद्य और कृषि संगठन (Food And Agriculture Organisation) ने भी विश्व मृदा दिवस की औपचारिक स्थापना को वैश्विक जागरुकता बढ़ाने वाले मंच के रूप में थाईलैंड के नेतृत्व में समर्थन दिया।
एफएओ के सम्मेलन ने सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया और 68वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसे आधिकारिक रूप से मनाए जाने का अनुरोध किया। इसके बाद दिसंबर 2013 में 68वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। ज्ञात हो कि 5 दिसंबर 2014 को पहली बार विश्व मृदा दिवस मनाया गया था।
विश्व मृदा दिवस थीम
हर साल इस दिन को किसी खास थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल कोरोना की वजह से कार्यक्रमों का आयोजन बेशक न किया जा रहा हो लेकिन साल 2020 के लिए विश्व मृदा दिवस की थीम रखी गई थी- 'Keep soil alive, protect soil biodiversity'. बता दें कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के उद्देश्य से दुनिया भर में तकरीबन 60 सामान्य लेखों का संग्रह तैयार किया गया। बाद में उन्हें दुनिया भर के लोगों में मिट्टी संरक्षण को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से वितरित किया गया।
खाद्य और कृषि संगठन के मुताबिक, पिछले साल विश्व मृदा दिवस 2019 की थीम "मृदा कटाव रोकें, हमारा भविष्य संवारें" रखा गया था। यह थीम, मृदा प्रबंधन में बढ़ती चुनौतियों पर केंद्रित था। मृदा के स्तर को बेहतर बनाने और इसके संरक्षण में सुधार की दिशा में काम करने के लिए दुनिया भर के संगठनों, सरकारों, समुदायों और व्यक्तियों को प्रोत्साहित करके मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने की रूपरेखा को तैयार करना था।