नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को संविधान दिवस ( Constitution day) के मौके पर केवड़िया में जारी एक कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में पीठासीन अधिकारियों से संविधान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभिनव उपाय करने को कहा।
पीएम मोदी ने इस दौरान मुंबई हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि हम वो जख्म कभी नहीं भूल सकते हैं। इसी के साथ पीएम मोदी ने एक बार फिर देश का ध्यान वन नेशन-वन इलेक्शन (One nation, one election) की ओर खींचा और इसे वक्त की जरूरत बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोला था, इस हमले में कई लोगों की जान चली गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत नई नीति-रीति के साथ आतंकवाद का सामना कर रहा है।
One nation, one election isn't just a matter of debate, this is the need for India. Elections are held at different places every few months, the effect it has on development work is known to all. This issue needs to be studied & presiding officers can be guiding force for it: PM pic.twitter.com/rKAcrG9MKQ
— ANI (@ANI) November 26, 2020
वन नेशन-वन इलेक्शन देश की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन आज भारत की जरूरत है। देश में हर कुछ महीने में कहीं ना कहीं चुनाव हो रहे होते हैं, ऐसे में इसपर मंथन शुरू होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि अब हमें पूरी तरह से डिजिटलकरण की ओर बढ़ना चाहिए और कागज के इस्तेमाल को बंद करना चाहिए। आजादी के 75 साल को देखते हुए हमें खुद टारगेट तय करना चाहिए।
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पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की रक्षा में न्यायपालिका की काफी बड़ी भूमिका है। पीएम बोले कि 70 के दशक में इसे भंग करने की कोशिश की गई, लेकिन संविधान ने ही इसका जवाब दिया। इमरजेंसी के दौर के बाद सिस्टम मजबूत भी होता गया, उससे हमें काफी कुछ सीखने को मिला है।