कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी
दिल्ली की सीमाओं को बंद करने की दी चेतावनी
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली (Delhi) के बॉर्डर पर पिछले पांच दिन से जमे हुए हैं। दिल्ली में एंट्री के तीन रास्तों पर सैकड़ों किसान (Farmers) डेरा डालकर बैठे हैं और दिल्ली के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर धरना देने के लिए अड़े हुए हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से आज केंद्र सरकार बातचीत करेगी। किसानों से बात करने के लिए आज विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ बैठक होगी।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने किसान नेताओं को बातचीत के लिए आज मंगलवार को दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में आमंत्रित किया था। किसान संगठनों से आज दोपहर तीन बजे केंद्र सरकार बात करेगी। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगुवाई करेंगे। उनके साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य कुछ मंत्री रह सकते हैं. इनके अलावा कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जो कानून पर विस्तार से बात करेंगे, वो भी मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने जिस बुराड़ी मैदान को किसानों के लिए आरक्षित किया था, वो किसानों को ओपन जेल जैसा लगने लगा है और जो किसान वहां पहुंचे थे वो वापस लौट रहे हैं।
किसान नेताओं से होगी बातचीत
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जब कृषि कानून लाए गए, तो उन्होंने किसानों के बीच कुछ गलतफहमी पैदा की। हमने किसान नेताओं के साथ वार्ता के दो दौर (अक्टूबर 14 और नवंबर 13) आयोजित किए थे। उस समय भी हमने उनसे आग्रह किया था कि वे आंदोलन के लिए न जाएं और सरकार वार्ता के लिए तैयार है।
It was decided that next round of talks will be held on Dec 3 but farmers are agitating, it's winter & there's COVID. So meeting should be held earlier. So farmer leaders - present in 1st round of talks - have been invited at Vigyan Bhavan on Dec 1 at 3 pm: Agriculture Minister https://t.co/1y5DNCT0U0
— ANI (@ANI) November 30, 2020
Govt invites Kisan Union for talks on Dec 1 at Vigyan Bhawan: Narendra Singh Tomar
— ANI Digital (@ani_digital) November 30, 2020
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आगे कृषि मंत्री ने किसानों नेताओं को मंगलवार की बैठक के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि ये निर्णय लिया गया था कि अगले दौर की वार्ता 3 दिसंबर को आयोजित की जाएगी, लेकिन किसान आंदोलन कर रहे हैं और ये सर्दियों का समय है और कोरोना का भी खतरा है। इसलिए बैठक पहले होनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों पर एफआईआर
बता दें कि किसानों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई, तो दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से कनेक्ट करने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया जाएगा। इस बीच, किसान आंदोलन के दौरान सिंधु बॉर्डर पर हुए बवाल को लेकर दिल्ली पुलिस ने दंगा करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
दिल्ली के अलीपुर पुलिस स्टेशन में ये एफआईआर दर्ज हुई है। ये एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। सिंघु बॉर्डर पर 27 नवंबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश थी।
दिल्ली की सीमाओं को घेरे हैं किसान
फिलहाल, सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पूरी तरह बंद है। गाजियाबाद बॉर्डर पर भी भारी संख्या में किसान डेरा-डंडा गाड़े बैठे हैं। सिंधु बॉर्डर पर किसानों की तादाद 2 से 3 हजार है। टिकरी बॉर्डर पर 1500 किसान जमे हुए हैं, जबकि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर इनकी संख्या 1000 के करीब है। किसानों की संख्या घटती बढ़ती रहती है। बैरिकेंडिंग के दूसरी तरफ पुलिस भी पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद है।
किसान अब दिल्ली के बाकी बॉर्डर को बंद करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक खबर है कि राजस्थान के किसानों को दिल्ली-जयपुर बॉर्डर को बंद करने को कहा गया है जबकि आगरा-मथुरा हाईवे को भी बंद किया जाएगा, यानी दिल्ली पूरी तरह से सील करने की कोशिश होगी।
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क्या है किसानों की मांग
किसानों की दो मांग हैं। पहली ये कि उनकी बात सुनी जाए और उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर तक जाने दिया जाए। दूसरी मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर है। बहरहाल, किसानों ने मन बना लिया है कि लड़ाई लंबी चले तो भी पीछे नहीं हटेंगे। अन्नदाता पूरी तैयारी से जुटे हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली घर बन गया है, सड़क पर लंगर लग गए हैं। सभी प्रदर्शनकारी किसान अलग-अलग जिम्मेदारी निभा रहे हैं।