लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाहनवाज आलम की लखनऊ में गिरफ्तारी के बाद जमकर हंगामा हुआ है। आलम का परिचय इतना छोटा नहीं है। शाहनवाज आलम के बारे में कहा जाता है कि वे कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के काफी करीबी हैं। यहां तक कि प्रियंका की कोर टीम का वे हिस्सा भी हैं। कुछ महीने पहले ही उन्हें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन पद की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। साथ ही सीएए प्रोटेस्ट के दौरान शाहनवाज आलम ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था।
अल्पसंख्यक विभाग चेयरमैन की गिरफ्तारी के विरोध में आधी रात हज़रतगंज कोतवाली में मौजूद @AjayLalluINC जी और @aradhanam7000 जी
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) June 29, 2020
कॉंग्रेस के सवालों से परेशान योगी सरकार कॉंग्रेस पदाधिकारियों पर पुलिसिया ज़ोर ज़बरदस्ती दिखा रही है
कॉंग्रेस खडी है अपने एक एक सिपाही के साथ pic.twitter.com/a8Kq2iCyV5
बीती रात शाहनवाज आलम जब कांग्रेस मुख्यालय से अपने घर लौट रहे थे उसी दौरान लखनऊ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हजरतगंज पुलिस ने 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ में CAA प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा में शाहनवाज आलम को आरोपी बनाया है। इसी को लेकर उनकी गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया है। गिरफ्तारी से भड़के कांग्रेसियों ने पहले तो थाने का घेराव किया। फिर पुलिस के लाख समझाने के बाद नहीं माने। हारकर पुलिस ने लाठी का इस्तेमाल किया। जिसमें कई लोगों को चोटें भी आई हैं। मामला इसलिए भी गंभीर हो जाता है कि क्योंकि जिस जगह कालिदास मार्ग पर गिरफ्तारी हुई वो मुख्यमंत्री आवास के काफी करीब है। लिहाजा पुलिस कोई रिस्क लेना नहीं चाहती थी।
कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार यूपी पुलिस को दमन का औज़ार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 30, 2020
देखिए किस तरह यूपी पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे..1/2 pic.twitter.com/UCyyuwYfQJ
लखनऊ सेंट्रल के डीसीपी दिनेश सिंह के मुताबिक सीएए प्रदर्शन के दौरान शाहनवाज आलम ने हिंसा भड़काई। जिसको लेकर पुलिस ने काफी सारे साक्ष्य इकट्ठा किये हैं। पुलिस अपनी तरफ से तैयार है और वो इस मामले में किसी तरह की राजनीति की इजाजत नहीं देगी।
शाहनवाज की भूमिका पहले भी रही है दागदार
शाहनवाज आलम के बारे में पुलिस रिकॉर्ड खराब रहा है। वो पहले भी राजनीतिक हिंसा के कुछ मामलों में लिप्त रहा है। फिलहाल कांग्रेस पार्टी में उसे तवज्जो मिल रही है। खासकर नागरिकता संबंधी कानूनों के विरोध में उसने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। पुलिस ने इस बार जिस तैयारी से शाहनवाज को गिरफ्तार किया है, उसका जेल जाना तय माना जा रहा है।
शाहनवाज की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की भौहें टेढ़ी
शाहनवाज आलम की लखनऊ पुलिस द्वारा हुई गिरफ्तारी से कांग्रेस पार्टी भड़की हुई है। यहां तक कि उम्मीद की जा रही है कि खुद प्रियंका गांधी इस मामले पर कुछ बयान जारी करेंगी। सोशल मीडिया पर गिरफ्तारी का CCTV फुटेज वायरल किया जा रहा है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि सादे लिबास में पुलिस ने शाहनवाज को उसके घऱ से उठाया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू अपने समर्थकों सहित हज़रतगंज कोतवाली पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई और आखिरकार पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
अजय कुमार लल्लू ने पुलिस के गिरफ्तार करने के तरीके पर सवाल उठाया है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज को लेकर यूपी में विपक्ष आक्रामक है। पुलिस पर राजनीतिक नेताओं के दबाव में काम करने का आरोप लगाया जा रहा है। पुलिस लाठीचार्ज में एक कांग्रेसी कार्यकर्ता के हाथ टूटने और कइयों के घायल होने की बात कही जा रही है।
क्या हुआ था 19 दिसंबर 2019 को?
आरोपों के मुताबिक 19 दिसंबर 2019 को सीएए प्रोटेस्ट के दौरान परिवर्तन चौक पर शाहनवाज आलम के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने जमकर आगजनी की थी। जिसको लेकर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की है। जिसमें शाहनवाज को नामित आरोपी बनाया गया है। इस आगजनी में संपत्ति का बड़ा नुकसान हुआ था। इसी मामले में कांग्रेसी कार्यकर्ता सदफ जफर को पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार किया था जो फिलहाल जमानत पर है।