पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक
तालाब क्षेत्र को सैनिटाइज कराने की व्यवस्था
रांची : इस बार छठ महापर्व की तैयारी पर भी कोरोना महामारी का असर दिखेगा। इसको लेकर बिहार-झारखंड सरकार ने कई अहम दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इस बार तमाम बड़ी नदियों के किसी घाट पर छठ पर्व का आयोजन नहीं होगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मौजूद किसी भी तालाब में छठ पर्व का आयोजन पहले की तरह ही हो सकेगा, लेकिन इस दौरान कोरोना से जुड़े तमाम दिशा-निर्देशों का पूरी सख्ती से पालन कराया जाएगा।
गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश का पालन सख्ती से सभी जिलों को कराने के लिए कहा है। इसका पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आदेश के अनुसार, जिन तालाबों में छठ पर्व का आयोजन होगा, वहां अर्ध्य से पहले और बाद में पूरे तालाब क्षेत्र को सैनिटाइज कराने की व्यवस्था की जाएगी।
संगीत कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक
झारखंड सरकार ने भी रविवार देर रात दिशानिर्देश जारी किया। कोविड-19 महमारी के चलते पूरे राज्य में नदियों, तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों के तट पर आयोजित होने वाली छठ पूजा और पूजा के अवसर पर संगीत कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन समिति ने आज देर रात्रि जारी नये दिशा निर्देशों में इस आशय की जानकारी दी।
पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक
मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि नदियों अथवा जल स्रोतों के आसपास दूकान, स्टाल लगाने, बिजली के बल्बों से सजावट करने और सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक होगी। इतना ही नहीं छठ के अवसर पर संगीत एवं मनोरंजन के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी पूर्ण रोक होगी। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 17 नवंबर से 21 नवंबर तक छठ पूजा निश्चित है।
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देर रात्रि जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरती जा रही है और छठ पर्व में चूंकि सभी लोग बड़ी संख्या में आसपास की नदी, तालाब एवं अन्य जल स्रोतों पर एकत्रित होते हैं और जल में सूर्योदय तथा सूर्यास्त पर स्नान करते हैं लिहाजा इससे लोगों में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका रहेगी।
वहीं दिल्ली दिल्ली आपदा प्रबंध अथॉरिटी (डीडीएमए) ने मंगलवार को छठ से संबंधित निर्देश जारी किया। जिसमें डीडीएमए ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस साल सार्वजनिक स्थलों, नदी के तटों और मंदिरों में कोविड-19 के मद्देनजर लोग छठ पूजा न करें।