बेंगलुरू : कर्नाटक मंत्रिमंडल (Karnataka cabinet ) का बुधवार को विस्तार (Cabinet expansion) हुआ। बेंगलुरु में यह शपथ ग्रहण समारोह हुआ। जहां 7 नए विधायकों ने मंत्री पद का शपथ लिया। इन विधायकों में एमटीबी नागराज, उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, मुरुगेश निरानी, आर शंकर, सीपी योगेश्वर, अंगारा एस ने मंत्री पद की शपथ ली।
बता दें कि कर्नाटक मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 27 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में सात की जगह खाली थी। अब 7 नए विधायकों के शपथ लेने के बाद खाली जगहों की पूर्ति कर ली गई है।
Bengaluru: MTB Nagaraj, Umesh Katti, Aravind Limbavali, Murugesh Nirani, R Shankar, CP Yogeeshwara, Angara S inducted into BS Yediyurappa cabinet today https://t.co/OuZea8pmxo pic.twitter.com/WiTmGmSORI
— ANI (@ANI) January 13, 2021
इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि उन्होंने सात विधायकों के नाम राज्यपाल वजुभाई वाला के पास भेजे हैं, जिसमें चार बार के विधायक मुरुगेश निरानी और सुलिया विधानसभा से छह बार के विधायक एस. अंगारा भी शामिल हैं।
Bengaluru: Umesh Katti, Arvind Limbavali and Murugesh Nirani take oath as Karnataka cabinet ministers pic.twitter.com/FLMNRJy2ss
— ANI (@ANI) January 13, 2021
येदियुरप्पा ने यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेने से पहले मीडिया के साथ अपनी छोटी बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने राज्यपाल के पास सात नाम भेजे हैं, जिनमें उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, एम.टी.बी. नागराज, आर. शंकर, सी.पी. योगेश्वरा, मुरुगेश निरानी और एस. अंगारा शामिल हैं। इन विधायकों को राजभवन में अपराह्न् 3.50 बजे राज्यपाल द्वारा गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, कट्टी को पार्टी के नेताओं ने लिंगायत कोटे के तहत चुना है, लिंबावली को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार अस्थिर करने की योजना और निष्पादन के लिए पुरस्कृत किया गया है। सी.पी. योगेश्वरा को भी कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार को गिराने के लिए येदियुरप्पा और उनकी टीम के साथ मिलकर काम करने का पुरस्कार मिला है।
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नागराज और शंकर 17 अन्य विधायकों के साथ 2019 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करना लगभग तय था।
चार बार के विधायक और पूर्व उद्योग मंत्री निरानी और छह बार के भाजपा विधायक व संघ परिवार के वफादार एस. अंगारा छुपे रुस्तम साबित हुए हैं, जिन्होंने चार माह से राज्य में चल रही सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।