अजरबैजान के खिलाफ जंग में उतरीं प्रधानमंत्री की पत्नी
अन्ना हकोबयान ले रही हैं दुश्मन से लोहा
आर्मीनिया और अजरबैजान के खिलाफ छिड़ी है जंग
नई दिल्ली: आर्मीनिया और अजरबैजान की जंग में आर्मीनिया के प्रधानमंत्री की पत्नी अन्ना हकोबयान भी कूद पड़ी हैं। आर्मीनिया के इलाके नागोर्नो-काराबाख को बचाने के लिए आर्मीनिया के प्रधानमंत्री की पत्नी अपना सबकुछ दांव पर लगाने को तैयार हैं। इसके लिए वो अपने महिला दस्ते के साथ कठिन सैन्य अभ्यास में जुटी हुई हैं।
आर्मीनिया की प्रथम महिला अन्ना ने 27 अक्टूबर से ही सैन्य प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है। पीएम की पत्नी के साथ कुल तेरह महिलाओं का दस्ता है जो आर्मीनिया के काराबाख इलाके की रक्षा के लिए सैन्य तैयारी में हैं। अन्ना हकोबयान का पहले से कोई सैन्य पृष्ठभूमि नहीं रही है। लिहाजा वो सिरे से राइफल और अन्य हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं। बता दें कि नागोर्नो-काराबाख की लड़ाई में अब तक 5 हजार लोग मारे जा चुके हैं। जंग में सीधे तौर पर देश की प्रथम महिला के कूदने के बाद आर्मीनिया की सेना में उत्साह है।
42 साल की अन्ना आर्मीनिया के प्रधानमंत्री की पत्नी होने के बावजूद सामान्य सैन्य छावनी में ही रहती हैं। अन्ना ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि न तो उनका देश और न ही उनकी गरिमा दुश्मन के सामने झुकने के लिए तैयार है। अन्ना प्रथम महिला होने के साथ ही पेशे से पत्रकार हैं और एक अखबार की संपादक भी हैं। अन्ना और उनके महिला दस्ते को सात दिनों का शारीरिक और हथियारों का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
आर्मीनिया के प्रधानमंत्री ने लड़ाई के मोर्चे पर हालात संगीन बताते हुए देश की जनता से हथियार उठाने के लिए तैयार रहने को कहा है। आर्मीनिया के पीएम के 20 साल के बेटे अशोट ने भी लड़ाई में वॉलंटियर बनने के लिए रजिस्टर हुए हैं। जंग में अबतक आर्मीनिया के 2 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच जंग बीते 27 सितंबर से ही शुरू हुई थी। दोनों पक्षों के बीच भीषण जंग के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम कराया था। जो प्रभावी नहीं हो पा रहा है। वहीं रूस नहीं चाहता है कि उसके इलाके में जंग जारी रहे। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव ने कहा कि इस संकट का राजनयिक समाधान संभव है। लिहाजा सभी विदेशी ताकतें एकजुट होकर दोनों देशों के बीच सुलह कराने की पहल करें। रूस ने खासकर उन देशों को चेताया है जो युद्ध को और भड़काने में लगे हैं।