14 मार्च से लग रहा खरमास
खरमास में वर्जित होते हैं ये काम
खरमास में जरूर करें ये काम
हिंदू धर्म में खरमास का बड़ा महत्व होता है। खरमास यानी मलमास का आरंभ सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने से होगा और सूर्यदेव 14 मार्च 2020 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसे मीन संक्रांति के तौर पर भी जाना जाता है। सूर्य देव कुंभ को छोड़कर मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और यहां वे 13 अप्रैल तक रहेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के प्रारंभ होते ही कुछ कार्य वर्जित हो जाते हैं।
अगर आप नहीं जानते कि खरमास में क्या कुछ किया जाए और क्या न किया जाए, तो आइये हम आपको बताते हैं ....
खरमास में न करें ये काम
खरमास में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। एक माह यानी 14 मार्च से 13 अप्रैल विवाह व अन्य मंगल कार्य नहीं किए जाएंगे।
विवाह, जनेऊ संस्कार, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश, आदि सभी तरह के मांगलिक कार्य इस माह में नहीं किए जाएंगे।
खरमास में जरूर करें ये काम
- खरमास में भजन-कीर्तन और सत्संग करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस माह पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। इस महीने में हमें अधिक से अधिक भजन करने चाहिए। माना जाता है कि इस माह भगवान का सुमिरन करते रहने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
- खरमास में मांगलिक कार्यों पर तो रोक होती है परंतु इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु की पूजा से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
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-14 मार्च से 13 अप्रैल, खरमास के दौरान सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। इस महीने सूर्य देव को जल चढ़ाने से आरोग्यता का वरदान मिलता है।