चेन्नई: केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के निजी सेक्टर के लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) से निकासी की सीमा (Withdrawal Limit) अधिकतम 25 हजार कर दी है। ये व्यवस्था आगामी 16 दिसंबर तक ऐसे ही चलेगी। वित्त मंत्रालय की ओर से इस बारे में आधिकारिक जानकारी दी गई। हालांकि ग्राहक विषम परिस्थितियों मसलन इलाज, उच्च शिक्षा के लिए फीस जमा करने और शादी आदि की जानकारी देने पर अधिक रकम निकाल सकेंगे।
प्राइवेट सेक्टर के एक और संकटग्रस्त बैंक को सरकार ने मोराटोरियम में डाल दिया है। जिसके बाद से ग्राहकों में हड़कंप है। लक्ष्मी विलास बैंक पर 16 दिसंबर तक तरह की पाबंदियां सरकार ने लगाई है। बताते दें कि इससे पहले यस बैंक और पीएमसी बैंकों को लेकर भी सरकार ने इसी तरह की कार्रवाई की थी। जिसके बाद इन बैंकों के ग्राहकों को काफी दिनों तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
BR एक्ट की धारा 45 के तहत आरबीआई की ओर से आवेदन के आधार पर मोराटोरियम में इस बैंक को डाला गया है। मोराटोरियम लागू रहने तक बैंक जमाकर्ता को निर्धारित सीमा से अधिक रकम निकालने की इजाजत नहीं होगी। हालांकि विशेष परिस्थितियों में रिजर्व बैंक की ओर से कोई लिखित आदेश के बाद अधिक रकम की निकासी की जा सकेगी।
माना जाता है कि साल 2019 से ही लक्ष्मी विलास बैंक भारी आर्थिक मुश्किल में है। रिजर्व बैंक ने इससे पहले इंडिया बुल्स हाउजिंग फाइनेंस के साथ इस बैंक के मर्जर के इसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सितंबर में शेयरहोल्डर्स की ओर से सात डायरेक्टर्स के खिलाफ वोटिंग के बाद रिजर्व बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे प्राइवेट बैंक को चलाने के लिए मीता माखन की अगुआई में तीन सदस्यों वाली कमिटी का गठन किया था। सरकार के इस फैसले से ग्राहकों में तमाम तरह आशंकाएं घर कर रही है। हालांकि सरकारी एजेंसियों ने दिलासा दिया है कि ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित होगा।