पटना : जिस शख्त के इस दुनिया में जिन्दा रहने की उम्मीदें टूट जाने के बाद अचानक उसके अपनी आंखों के सामने आने पर कैसा रहेगा। अंतिम संस्कार तक हो चुके व्यक्ति के एकदम सामने आकर खड़े होने पर कैसा रहेगा उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। ठीक इसी तरह की एक घटना बिहार में घटी है।
भीड़ के हमले में एक व्यक्ति के मारे जाने के बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन घटना के तीन महीने बाद उक्त शख्स वापस घर लौटा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार के निसारपुर गांव निवासी कृष्णा मांची नाम का एक व्यक्ति इसी वर्ष अगस्त में अचानक घर से लापता हो गया। उसी महीने की 10 तारीख को बिहार के ममतापुर गांव में छोटे बच्चे को उठा ले जाने की शिकायत पर गांववालों ने एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी और उसकी पहचान कपड़ों के आधार पर कृष्णा मांची के रूप में की गई।
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पुलिस ने मामला दर्ज करने के साथ ही शव का पोस्टमार्टम करवा कर उसे परिजनों के हवाले कर दिया। बाद में उसका अंतिम संस्खार तक कर दिया गया।
तीन महीने बाद...
इस घटना के करीब तीन महीने बाद कृष्णा मांची वापस घर लौटा, तो उसे देख पूरा परिवार सन्न रह गया। इस दुनिया में नहीं रहने वाले व्यक्ति के अचानक प्रत्यक्ष होने से परिवार के सदस्य खुशी से झूम उठे। कृष्णा मांची की पत्नी रूढ़ीदेवी ने मीडिया को बताया कि उसने पति की लाश को पहचान नहीं पाई थी और गांव वालों के केवल कपड़ों के आधर पर ही उसे अपना पति बताने पर उसने भरोसा किया। हालांकि पुलिस अब हमले में मारे गए व्यक्ति का पता जुटाने में जुट गई है।